संब्रानी कप जलाने के फायदे

1) भारत में पुराने समय से ही संब्रानी का धुआँ करना अच्छा माना गया है। मंदिरों, सभी धर्म के पूजा स्थलों में धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान संब्रानी का धुआँ किया जाता है। इससे माहौल शुद्ध, पवित्र होता है और पाज़िटिविटी, अच्छी भावनायें उत्पन्न होती हैं।

2) संब्रानी जलाने से मच्छर, पतंगे भागते हैं और वातावरण के किटाणु, रोगाणु नष्ट होते हैं। संब्रानी कप को जलाने के लिए इसके बाहरी गोल किनारे को पूरी तरह से जलाया जाता है और 1 मिनट तक जलने देते हैं फिर बुझा देते हैं।

3) पूजा करने, ध्यान लगाने से पहले संब्रानी कप जलाने से इसका सुगंधित धुआँ मन को एकाग्र करने में सहायता करता है और विचारों में स्पष्टता आती है। आध्यात्मिक अभ्यासों में संब्रानी की सुगंध से चेतना (Consciousness) और आंतरिक जागृति (Inner awareness) बढ़ती है।

4) ऐसा माना जाता है कि संब्रानी जलाने से बुरी शक्तियां (evil spirits) भागती हैं और हवा भी शुद्ध हो जाती है।

5) आयुर्वेद के अनुसार इसका धुआँ नर्वस सिस्टम को शांत करता है, नेगटिव विचारों को दूर करता है, मन को शांत करता है। संब्रानी की खुशबू मूड ठीक करती है और माहौल को सुखद बनाती है।

6) संब्रानी कप या संब्रानी पाउडर को कोयला पर जलाकर किया गया धुआँ एंटी-बैक्टीरियल, चिकित्सकीय और रोगनिवारक होता है।

7) अरब देशों में औरतें अपने बाल को धोने के बाद बालों में संब्रानी का धुआँ करती हैं, जिससे बाल में सुगंध बस जाती है। डिलीवरी के बाद बच्चों को संब्रानी का धुआँ देना अच्छा होता है।

रशिया, अरब के देशों, थायलैंड, वियतनाम, भारत, जापान, चीन सहित लगभग पूरी दुनिया भर में संब्रानी (Sambrani) की महक को पसंद किया जाता है और लोग संब्रानी की अगरबत्ती, एसेंशियल ऑयल, चूर्ण, संब्रानी धूप, परफ्यूम आदि प्रोडक्टस का उपयोग करते हैं।

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